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परमहंस योगानंदजी ने लिखा था कि, “ध्यान सबसे उच्चतम रूप का कार्य है जो मनुष्य कर सकता है।” यह सबसे कुदरती और फायदेमंद मानवीय कार्यों में से एक है। ध्यान हमें संतुलन, आराम और बढ़ती हुई आंतरिक शांति भी प्रदान करता है। यह पाठ्यक्रम क्रिया योग के मार्ग का पहला चरण हैं। आप इसे एक स्वसंपूर्ण ‘ध्यान करना सीखें’ पाठ्यक्रम की तरह भी कर सकते है।

इस कोर्स में जानिए:

  • योगानंद जी द्वारा दी गई “हाँग-सॉ” एकाग्रता की तकनीक
  • हर दिन नियमित रूप से ध्यान करने की आदत को स्थापित करना
  • कैसेअपने दैनिक जीवन में शांति और आनन्द का अनुभव करें।
  • प्राणशक्ति को नियंत्रण और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए योगानंद जी के प्राण शक्ति संचारक व्यायाम।

फ़ीस: ₹ 1,500 (इसमें किताब और लंच शामिल है)

रजिस्टर करें

परमहंस योगानंदजी ने लिखा था कि, “ध्यान सबसे उच्चतम रूप का कार्य है जो मनुष्य कर सकता है।” यह सबसे कुदरती और फायदेमंद मानवीय कार्यों में से एक है। ध्यान हमें संतुलन, आराम और बढ़ती हुई आंतरिक शांति भी प्रदान करता है। यह पाठ्यक्रम क्रिया योग के मार्ग का पहला चरण हैं। आप इसे एक स्वसंपूर्ण ‘ध्यान करना सीखें’ पाठ्यक्रम की तरह भी कर सकते है।

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  • योगानंद जी द्वारा दी गई “हाँग-सॉ” एकाग्रता की तकनीक
  • हर दिन नियमित रूप से ध्यान करने की आदत को स्थापित करना
  • कैसेअपने दैनिक जीवन में शांति और आनन्द का अनुभव करें।
  • प्राणशक्ति को नियंत्रण और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए योगानंद जी के प्राण शक्ति संचारक व्यायाम।

फ़ीस: ₹ 1,500 (इसमें किताब और लंच शामिल है)

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